Thursday, December 21, 2017

History Capsule in Hindi (SSC CHSL & IBPS)

Thought Of The Day "Each and every person himself is a teacher for Guiding his Own Personality." ------ Nandu Sir (Adra)

Study Material in Hindi

Ancient Indian History




Q). सैय्यद वंश की स्थापना किसने की जो स्वंय को "रैयत-ए-आला" कहता था ?



a) खिज्र खॉं
b) मुबारक शाह
c) अलाउद्दीन आलम शाह
d) मुबारक खॉं

Answer)

खिज्र खॉं

सैयद वंश अथवा सय्यद वंश दिल्ली सल्तनत का चतुर्थ वंश था जिसका कार्यकाल 1414 से 1451 तक रहा। उन्होंने तुग़लक़ वंश के बाद राज्य की स्थापना की और लोधी वंश से हारने तक शासन किया।
यह परिवार सैयद अथवा मुहम्मद के वंशज माने जाता है।



Q). सोलंकी वंश का संस्थापक था ?

a) मूलराज प्रथम
b) जयसिंह
c) कुमारपाल
d) इनमें से कोई नही

Answer)

कुमारपाल

कुमारपाल पाल राजवंश के राजा रामपाल का पुत्र था। यह राजवंश चालुक्य वंशी राजाओं की सोलंकी जाति से सम्बंध रखता था तथा इनके राज्य की राजधानी गुजरात के अनहिलवाडा (आधुनिक काल में सिद्धपुर पाटण) में थी। कुछ विद्वानों के अनुसार इनका जन्म विक्रम संवत 1149 में, राज्याभिषेक 1199 में और मृत्यु 1230 में हुई। ईस्वी संवत के अनुसार उनका राज्य 1130 से 1140 माना जाता है। तदनुसार उनके जन्म का समय ईसा के पश्चात 1142 से 1172 तक सिद्ध किया गया है



Q). हड़प्पा सभ्यता के विलुप्त हो जाने का क्या कारण माना जा सकता हैं ?

a) हड़प्पा सभ्यता के विस्तार के साथ भूमि की उर्वरता का निरन्तर कम होना
b) बाढ़ों का आना
c) विजातियों का आक्रमण
d) उपर्युक्त सभी कारण

Answer)

उपर्युक्त सभी कारण


Q). हड़प्पा में एक उन्नत जल-प्रबंधन प्रणाली का पता चलता है -

a) धौलावीरा में
b) लोथल में
c) कालीबंगन में
d) अलमगीरपुर

Answer)

धौलावीरा में

हड़प्पा सभ्यता‘ के पुरास्थलों में एक नवीन कड़ी के रूप में जुड़ने वाला पुरास्थल धौलावीरा 'कच्छ के रण' के मध्य स्थित द्वीप 'खडीर' में स्थित है। इस द्वीप के समीप ही 'सुर्खाव'- शहर स्थित है। धौलावीर गांव 'खडीर द्वीप' की उत्तरी-पश्चिमी सीमा पर बसा है। धौलावीरा पुरास्थल की खुदाई में मिले अवशेषों का प्रसार 'मनहर' एवं 'मानसर' नामक नालों के बीच में हुआ था। धौलावीरा नामक हड़प्पाई संस्कृति वाले इस नगर की योजना समानांतर चतुर्भुज के रूप में की गयी थी। इस नगर की लम्बाई पूरब से पश्चिम की ओर है। नगर के चारों तरफ एक मज़बूत दीवार के निर्माण के साक्ष्य मिले हैं। नगर के महाप्रसाद वाले भाग के उत्तर में एक विस्तृत सम्पूर्ण एवं व्यापक समतल मैदान के अवशेष मिले हैं। इसके उत्तर में नगर का मध्यम भाग है जिसे 'पुर' की संज्ञा दी गयी थी। इसके पूर्व में नगर का तीसरा महत्त्वपूर्ण भाग स्थित है जिसे 'निचला शहर' या फिर 'अवम नगर' कहा जाता है


Q). सिंधु घाटी सभ्यता के स्थानों की खुदाई में मिले अवशेषों से पता लगता है किः



a) इनके मकान प्रायः दो मंजिले होते थे
b) इनके मकान प्रायः एक मंजिल होते थे
c) हर मकान में आंगन , स्नानघर और रसोई होती थी
d) केवल A और C

Answer)

d) केवल A और C

सिंधु घाटी सभ्यता (अंग्रेज़ी:Indus Valley Civilization) विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता थी। यह हड़प्पा सभ्यता और सिंधु-सरस्वती सभ्यता के नाम से भी जानी जाती है। आज से लगभग 76 वर्ष पूर्व पाकिस्तान के 'पश्चिमी पंजाब प्रांत' के 'माण्टगोमरी ज़िले' में स्थित 'हरियाणा' के निवासियों को शायद इस बात का किंचित्मात्र भी आभास नहीं था कि वे अपने आस-पास की ज़मीन में दबी जिन ईटों का प्रयोग इतने धड़ल्ले से अपने मकानों के निर्माण में कर रहे हैं, वह कोई साधारण ईटें नहीं, बल्कि लगभग 5,000 वर्ष पुरानी और पूरी तरह विकसित सभ्यता के अवशेष हैं। इसका आभास उन्हें तब हुआ जब 1856 ई. में 'जॉन विलियम ब्रन्टम' ने कराची से लाहौर तक रेलवे लाइन बिछवाने हेतु ईटों की आपूर्ति के इन खण्डहरों की खुदाई प्रारम्भ करवायी। खुदाई के दौरान ही इस सभ्यता के प्रथम अवशेष प्राप्त हुए, जिसे इस सभ्यता का नाम ‘हड़प्पा सभ्यता‘ का नाम दिया गया।




Q). अशोक की जीवनी पर प्रकाश डालने वाला ग्रंथ हैं ?

a) महाभाष्य
b) अष्टाध्यायी
c) दिव्यादान
d) कथा सरितसागर

Answer)

दिव्यादान

राजगद्दी प्राप्त होने के बाद अशोक को अपनी आन्तरिक स्थिति सुदृढ़ करने  में चार वर्ष लगे । इस कारण राज्यारोहण चार साल बाद 261 ई. पू. में हुआ था वह 273 ई. पू. में  सिंहासन पर बैठा । अभिलेखों में उसे देवाना प्रिय एवं राजा आदि उपाधियों से सम्बोधित  किया गया है । मास्की तथा गर्जरा के लेखों में उसका नाम अशोक तथा पुराणों में उसे अशोक  वर्धन कहा गया है । सिंहली अनुश्रुतियों के अनुसार अशोक ने 11 भाइयों की हत्या करके  राजसिंहासन प्राप्त किया था, लेकिन  इस उत्तराधिकार के लिए कोई स्वतंत्र प्रमाण प्राप्त नहीं हुआ है । दिव्यादान में अशोक  की माता का नाम सुभद्रांगी है, जो चम्पा के एक ब्राह्मण की पुत्री थी ।


Q). अकबर की सेना और महाराणा प्रताप के बीच होनेवाला युद्ध था ?

a) पानीपत की पहली लडाई
b) हल्दीघाटी का युद्ध
c) पानीपत की दूसरी लडाई
d) इनमें से कोई नही

Answer)

 हल्दीघाटी का युद्ध

हल्दीघाटी का युद्ध 18 जून 1576 ईस्वी में खमनोर के पास हुआ यह युद्ध मेवाड़ तथा मुगलों के मध्य हुआ था। इस युद्ध में मेवाड़ की सेना का नेतृत्व महाराणा प्रताप ने किया था। इस युद्ध में महाराणा प्रताप की तरफ से लड़ने वाले एकमात्र मुस्लिम सरदार थे - हकीम खाँ सूरी।



Q). इस्लामी शैली में निर्मित बलबन का मकबरा किस शहर में बना हुआ हैं ?

a) दिल्ली
b) आगरा
c) इलाहाबाद
d) लखनऊ

Answer)

दिल्ली

गयासुद्दीन बलबन, इल्तुतमिश का तुर्क गुलाम था, जो नसीरुद्दीन महमूद के शासनकाल में वजीर था। महमूद की मौत के बाद बलबन जबरन गद्दी पर जा बैठा। फिर बलबन ने 1266 से लेकर 1286 तक शासन किया। 1287 में उसकी मृत्यु हो गई, जिसके बाद उसका यह टॉम्ब बनवाया गया। गयासुद्दीन बलबन के टॉम्ब में राजाओं की बावली, कुली खां का मकबरा, जमाली कमाली की मस्जिद और अहाते में मकबरा है।



Q). किस काल में अछूत की अवधारणा स्पष्ट रूप से उदित हुयी ?

a) ऋग्वैदिक काल में
b) उत्तर वैदिक काल में
c) उत्तर गुप्त काल में
d) धर्मशास्त्र के काल में

Answer)

धर्मशास्त्र के काल में

धर्मशास्त्र संस्कृत ग्रन्थों का एक वर्ग है, जो कि शास्त्र का ही एक प्रकार है। इसमें सभी स्मृतियाँ सम्मिलित हैं। यह वह शास्त्र है जो हिन्दुओं के धर्म का ज्ञान सम्मिलित किये हुए है, धर्म शब्द में यहाँ पारंपरिक अर्थ में धर्म तथा साथ ही कानूनी कर्तव्य भी सम्मिलित हैं। धर्मशास्त्रों का बृहद् पाठ भारत की ब्राह्मण परंपरा का अंग है, तथा यह विद्वत्परंपरा की देन एवं एक विशद तंत्र है। इसके गहन न्यायशास्त्रीय विवेचन के कारण प्रारंभिक ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रशासकों द्वारा यह हिंदुओं के लिए कानून के रूप में माना गया था तब से लेकर आज भी धर्मशास्त्र को हिन्दू विधिसंहिता के रूप में देखा जाता है। धर्मशास्त्र में उपस्थित रिलीजन व कानून के बीच जो अंतर किया जाता है, दरअसल वह कृत्रिम है और बार-बार उसपर प्रश्न उठाये गये हैं।जबकि कुछ लोग, धर्मशास्त्र में धार्मिक व धर्मनिरपेक्ष कानूनों के बीच अंतर रखा गया है ऐसा पक्ष लेते हैं। धर्मशास्त्र हिन्दू परंपरा में महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि- एक, यह एक आदर्श गृहस्थ के लिए धार्मिक नियमों का स्रोत है, तथा दूसरे, यह धर्म, विधि, आचारशास्त्र आदि से संबंधित हिंदू ज्ञान का सुसंहत रूप है।



Q). चंन्देल वंश का संस्थापक था ?

a) नन्नकु
b) दशोवर्मन
c) उत्पल
d) इनमें से कोई नही

Answer)

 नन्नकु

चंन्देल वंश का संस्थापक नन्नकु था

Q). निम्नलिखित में से किस सन्त को " सुल्तान तारीकिन " कहा गया है ?

a) कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी
b) हमीदुद्दीन नागौरी
c) निजामुद्दीन औलिया
d) शेख सलीम चिश्ती

Answer)

हमीदुद्दीन नागौरी (1192-1274 ई.) ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती के शिष्य थे। इन्होंने अपने गुरु के आदेशानुसार सूफ़ी मत का प्रचार-प्रसार किया। यद्यपि इनका जन्म दिल्ली में हुआ था, लेकिन इनका अधिकांश समय नागौर, राजस्थान में ही व्यतीत हुआ था।

राजस्थान में अजमेर के बाद नागौर ही सूफ़ी मत का प्रसिद्ध केन्द्र रहा था।
मुइनुद्दीन चिश्ती के शिष्य हमीदुद्दीन नागौरी ने गुरु के आदेश से सूफ़ी मत का प्रचार किया।
इन्होंने अपना जीवन एक आत्मनिर्भर किसान की तरह गुजारा था।
नागौर से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित 'सुवाल' नामक गाँव में इन्होंने खेती भी की।
ये पूर्णतः शाकाहारी थे एवं अपने शिष्यों से भी शाकाहारी बने रहने को कहते थे।
इनकी ग़रीबी को देखकर नागौर के प्रशासक ने इन्हें कुछ नक़द एवं ज़मीन देने की पेशकश की थी, जिसे इन्होंने अस्वीकार कर दिया।
हमीदुद्दीन नागौरी समन्वयवादी थे और इन्होंने भारतीय वातावरण के अनुरूप सूफ़ी आन्दोलन को आगे आगे बढ़ाया।
नागौर में चिश्ती सम्प्रदाय के इस सूफ़ी संत की मजार आज भी इनकी याद दिलाती है।
इस मजार पर मुहम्मद बिन तुग़लक़ ने एक गुम्बद का निर्माण करवाया था, जो 1330 ई. में बनकर पूर्ण हुआ।



Q). परमार वंश के राजाओं का शासन-क्षेत्र था  ?

a) मालवा
b) कल्याण
c) राजस्थान
d) मगध

Answer)

मालवा

परमार वंश मध्यकालीन भारत का एक राजवंश था। परमार गोत्र सुर्यवंशी गुर्जरो में आता है। इस राजवंश का अधिकार धार और उज्जयिनी राज्यों तक था। ये ९वीं शताब्दी से 14वीं शताब्दी तक शासन करते रहे।


Q). परमार वंश में  सर्वाधिक शक्तिशाली और विद्वान राजा हुआ था ?

a) मुंज
b) वोक्पति द्वीतिय
c) राजा भोज
d) इनमें से कोई नही

Answer)

 राजा भोज

राजा भोज बहुत बड़े वीर और प्रतापी होने के साथ-साथ प्रकाण्ड पंडित और गुणग्राही भी थे। इन्होंने कई विषयों के अनेक ग्रंथों का निर्माण किया था। ये बहुत अच्छे कवि, दार्शनिक और ज्योतिषी थे। सरस्वतीकंठाभरण, शृंगारमंजरी, चंपूरामायण, चारुचर्या, तत्वप्रकाश, व्यवहारसमुच्चय आदि अनेक ग्रंथ इनके लिखे हुए बतलाए जाते हैं। इनकी सभा सदा बड़े बड़े पंडितों से सुशोभित रहती थी। इनकी पत्नी का नाम लीलावती था जो बहुत बड़ी विदुषी थी।


Q). पृथ्वीराज के प्रथम सैनिक अभियान किसके विरूद्ध था ?

a) कन्नौज के गहड़वाल शासक जयचंद के
b) महोबा के चंदेलों के
c) मुहम्मद गौरी के
d) उसके चचेरे भाई नागार्जुन के

Answer)

उसके चचेरे भाई नागार्जुन के


नागार्जुन (30 जून 1911-5 नवंबर 1998) हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे। उनका असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था परंतु हिन्दी साहित्य में उन्होंने नागार्जुन तथा मैथिली में यात्री उपनाम से रचनाएँ कीं। इनके पिता श्री गोकुल मिश्र तरउनी गांव के एक किसान थे और खेती के अलावा पुरोहिती आदि के सिलसिले में आस-पास के इलाकों में आया-जाया करते थे।



Q). महमूद गजनी ने भारत पर कितनी बार आक्रमण किया ?

a) 16 बार
b) 10 बार
c) 17 बार
d) 20 बार

Answer)

17 बार

महमूद ग़ज़नवी यमीनी वंश का तुर्क सरदार ग़ज़नी के शासक सुबुक्तगीन का पुत्र था। उसका जन्म सं. 1028 वि. (ई. 971) में हुआ, 27 वर्ष की आयु में सं. 1055 (ई. 998) में वह शासनाध्यक्ष बना था। महमूद बचपन से भारतवर्ष की अपार समृद्धि और धन-दौलत के विषय में सुनता रहा था। उसके पिता ने एक बार हिन्दू शाही राजा जयपाल के राज्य को लूट कर प्रचुर सम्पत्ति प्राप्त की थी, महमूद भारत की दौलत को लूटकर मालामाल होने के स्वप्न देखा करता था। उसने 17 बार भारत पर आक्रमण किया और यहाँ की अपार सम्पत्ति को वह लूट कर ग़ज़नी ले गया था। आक्रमणों का यह सिलसिला 1001 ई. से आरंभ हुआ। उसके आक्रमण और लूटमार के काले कारनामों से तत्कालीन ऐतिहासिक ग्रंथों के पन्ने भरे हुए है।


Q). लाल कुवंर नाम की वेश्या किस मुगल शासक के राजकाज में अति प्रभावशील थी ?

a) अहमदशाह
b) जहांदारशाह
c) फर्रुखसियर
d) बहादुरशाह प्रथम

Answer)

बहादुरशाह प्रथम

बहादुर शाह प्रथम का जन्म 14 अक्तूबर, सन् 1643 ई. में बुरहानपुर, भारत में हुआ था। बहादुर शाह प्रथम दिल्ली का सातवाँ मुग़ल बादशाह (1707-1712 ई.) था। 'शहज़ादा मुअज्ज़म' कहलाने वाले बहादुरशाह, बादशाह औरंगज़ेब के दूसरे पुत्र थे।



Q). सिन्धु सभ्यता निम्नलिखित में से किस युग में पड़ता है ?

a) ऐतिहासिक काल
b) प्रागैतिहासिक काल
c) उत्तर - प्रागैतिहासिक काल
d) आद्ध - ऐतिहासिक काल

Answer)

आद्ध - ऐतिहासिक काल

सिंधु घाटी सभ्यता (अंग्रेज़ी:Indus Valley Civilization) विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता थी। यह हड़प्पा सभ्यता और सिंधु-सरस्वती सभ्यता के नाम से भी जानी जाती है। आज से लगभग 76 वर्ष पूर्व पाकिस्तान के 'पश्चिमी पंजाब प्रांत' के 'माण्टगोमरी ज़िले' में स्थित 'हरियाणा' के निवासियों को शायद इस बात का किंचित्मात्र भी आभास नहीं था कि वे अपने आस-पास की ज़मीन में दबी जिन ईटों का प्रयोग इतने धड़ल्ले से अपने मकानों के निर्माण में कर रहे हैं, वह कोई साधारण ईटें नहीं, बल्कि लगभग 5,000 वर्ष पुरानी और पूरी तरह विकसित सभ्यता के अवशेष हैं। इसका आभास उन्हें तब हुआ जब 1856 ई. में 'जॉन विलियम ब्रन्टम' ने कराची से लाहौर तक रेलवे लाइन बिछवाने हेतु ईटों की आपूर्ति के इन खण्डहरों की खुदाई प्रारम्भ करवायी। खुदाई के दौरान ही इस सभ्यता के प्रथम अवशेष प्राप्त हुए, जिसे इस सभ्यता का नाम ‘हड़प्पा सभ्यता‘ का नाम दिया गया।



Q). सिसोदिया वंश का सबसे प्रतापी राजा था ?

a) राणा कुम्भा
b) राणा संग्राम सिंह
c) महाराणा प्रताप
d) इनमें सें कोई नही

Answer)

महाराणा प्रताप

महाराणा प्रताप सिंह ( शुक्ल तृतीया रविवार विक्रम संवत 1597 तदानुसार 9 मई 1549 29 जनवरी 1597) उदयपुर, मेवाड में शिशोदिया राजवंश के राजा थे। उनका नाम इतिहास में वीरता और दृढ प्रण के लिये अमर है। उन्होंने कई सालों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ संघर्ष किया। महाराणा प्रताप सिंह ने मुगलो को कही बार युद्ध में भी हराया। उनका जन्म राजस्थान के कुम्भलगढ में महाराणा उदयसिंह एवं माता राणी जीवत कँवर के घर हुआ था


Q). सैय्यद वंश की स्थापना किसने की जो स्वंय को "रैयत-ए-आला" कहता था ?

a) खिज्र खॉं
b) मुबारक शाह
c) अलाउद्दीन आलम शाह
d) मुबारक खॉं

Answer)

खिज्र खॉं

सैयद वंश अथवा सय्यद वंश दिल्ली सल्तनत का चतुर्थ वंश था जिसका कार्यकाल 1414 से 1451 तक रहा। उन्होंने तुग़लक़ वंश के बाद राज्य की स्थापना की और लोधी वंश से हारने तक शासन किया।
यह परिवार सैयद अथवा मुहम्मद के वंशज माने जाता है।


Q). वर्मन वंश (कामरूप) का प्रथम शासक था ?

a) संग्राम राजा
b) अवन्ति वर्मन
c) पुष्यवर्मन
d) इनमें से कोई नही

Answer)

 पुष्यवर्मन 

आधुनिक राज्य असम को प्राचीनकाल में कामरूप और प्राग्ज्योतिषपुर कहा जाता था। इस क्षेत्र में डवाक नामक एक अन्य राज्य भी था, जिसका उल्लेख समुद्रगुप्त के इलाहाबाद शिलालेख में कामरूप के साथ सीमावर्ती राज्य के रूप में किया गया है। कामरूप राज्य का विस्तार उत्तरी और पश्चिमी बंगाल, चीन के सीमावर्ती इलाकों तथा डवाक तक था। कामरूप के वर्मन वंश के उदय के विषय में स्पष्ट जानकारी का अभाव है। इस वंश का प्रथम महत्त्वपूर्ण शासक 'पुष्यवर्मन' था। पुष्यवर्मन का शासन समुद्रगुप्त के समकालीन था।


Q). कश्मीर में कार्कोट वंश का संस्थापक था ?


a) दुर्लभवर्द्धन
b) महेन्द्रवर्मन
c) आदित्यवर्मन
d) इनमें से कोई नही

Answer)

 दुर्लभवर्द्धन

   कश्मीर में कार्कोट वंश का संस्थापक दुर्लभवर्द्धन नें किया था


Q). सेन वंश की राजधानी थी ?

a) लखनौती
b) हल्दिया
c) ढाका
d) इनमें से कोई नही

Answer)

 लखनौती 

इस वंश के राजा, जो अपने को कर्णाट क्षत्रिय, ब्रह्म क्षत्रिय और क्षत्रिय मानते हैं, अपनी उत्पत्ति पौराणिक नायकों से मानते हैं, जो दक्षिणापथ या दक्षिण के शासक माने जाते हैं। 9वीं, 10वीं और 11वीं शताब्दी में मैसूर राज्य के धारवाड़ जिले में कुछ जैन उपदेशक रहते थे, जो सेन वंश से संबंधित थे। यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि बंगाल के सेनों का इन जैन उपदेशकों के परिवार से कई संबंध था। फिर भी इस बात पर विश्वास करने के लिए समुचित प्रमाण है कि बंगाल के सेनों का मूल वासस्थान दक्षिण था। देवपाल के समय से पाल सम्राटों ने विदेशी साहसी वीरों को अधिकारी पदों पर नियुक्त किया।


Q). बंगाल में सेन वंश की स्थापना किसने की थी ?

a) सेन नामक सामंत ने
b) महिपाल प्रथम ने
c) धर्मपाल ने
d) इनमें से कोई नही

Answer)

 सेन नामक सामंत ने

सेन राजवंश एक राजवंश का नाम था, जिसने 12वीं शताब्दी के मध्य से बंगाल पर अपना प्रभुत्व स्थापित कर लिया। सेन राजवंश ने बंगाल पर 160 वर्ष राज किया। इस वंश का मूलस्थान कर्णाटक था। इस काल में कई मन्दिर बने। धारणा है कि बल्लाल सेन ने ढाकेश्वरी मन्दिर बनवाया। कवि जयदेव (गीत-गोविन्द का रचयिता) लक्ष्मण सेन के पञ्चरत्न थे।



Q). निम्नलिखित राजवंशों में से किसके शासक अपने शासन काल में ही अपना उत्त्राधिकारी घोषित कर देते थे ?

a) चालुक्य
b) चोल
c) कदम्ब
d) कलचुरी

Answer)

 चोल

चोलों के उल्लेख अत्यंत प्राचीन काल से ही प्राप्त होने लगते हैं। कात्यायन ने चोडों का उल्लेख किया है। अशोक के अभिलेखों में भी इसका उल्लेख उपलब्ध है। किंतु इन्होंने संगमयुग में ही दक्षिण भारतीय इतिहास को संभवत: प्रथम बार प्रभावित किया। संगमकाल के अनेक महत्वपूर्ण चोल सम्राटों में करिकाल अत्यधिक प्रसिद्ध हुए संगमयुग के पश्चात् का चोल इतिहास अज्ञात है। फिर भी चोल-वंश-परंपरा एकदम समाप्त नहीं हुई थी क्योंकि रेनंडु (जिला कुडाया) प्रदेश में चोल पल्लवों, चालुक्यों तथा राष्ट्रकूटों के अधीन शासन करते रहे।



Q). तंजौर के चोल राजवंश की स्थापना निम्न में  से किस शासक ने की थी ?

a) राजाराज 1
b) राजेन्द्र 1
c) विजयालय
d) अधिराजेन्द्र

Answer)

 विजयालय 

विजयालय (850-875 ई.) ने 9वीं शताब्दी के मध्य लगभग 850ई. में चोल शक्ति का पुनरुत्थान किया। विजयालय को चोल राजवंश का द्वितीय संस्थापक भी माना जाता है। आरम्भ में चोल पल्लवों के सामन्त थे।


Q). चोल राजाओं की राजधानी कौन -सी है ?

a) तन्जावुर
b) मैसूर
c) कांचीपुरम
d) मदुरै

Answer)

  तन्जावुर

तन्जावुर की तमिल संस्कृति के केंद्र के रूप रूप में पहचान बरक़रार है| तन्जावुर को वैसे तो कई बातों के लिए जाना जाता है, तंजावुर कई साम्राज्यों के शासन का साक्षी रहा है| इनमे चोल राजाओं ने अपनी सत्ता का विस्तार तो किया ही, साथ में धर्म के  केरल की राजधानी तिरुअनंतपुरम का मनोहरी सौंदर्य तो किसी का भी मन मोह लेने में सक्षम है




Q). चोल काल में कौन सभा नही थी ?

a) महासभा
b) उर
c) नगरम
d) वरियम

Answer)

वरियम

चोल प्रशासन. चोल की राजधानी तंजोर (तंजावुर ) थी | चोल साम्राज्य तीन प्रशासनिक इकाइयों में बंटा था जिसे केंद्र सरकार, अस्थायी था जबकि नाडु की सभा को नत्तवई कहा जाता था | ग्राम प्रशासन की पूरी ज़िम्मेदारी चोल प्रशासन की निम्न इकाई जिसे ग्राम सभा के मंदिरों का धर्म वारीयन द्वारा देख रेख किया जाता था |


Q). वह चोल -शासक कौन था, जिसकी हत्या विरोधी भीड द्वारा की गयी थी ?

a) ‌‌‌ कुलोतुंग
b) राजाधिराज
c) अधिराजेन्द्र
d) विजयालय

Answer)

 अधिराजेन्द्र  

अधिराजेंद्र चोल चोल राजा वीरराजेंद्र चोल का पुत्र था, जो लगभग 1070 ई. में उसके मरने पर चोडमंडल का राजा हुआ। तीन वर्ष वह युवराज के पद पर रहा था और युवराज का पद चोलों में बड़ी कार्यशीलता का था। वह राजा का निजी सचिव भी होता था और सर्वत्र उसका प्रतिनिधान करता था। अधिराजेंद्र का शासनकाल बहुत थोड़ा रहा। राज्य में काफी उथल-पुथल थी और अपने संबंधी (बहनोई) विक्रमादित्य षष्ठ की सहायता के बावजूद वह राज्य की स्थिति न सँभाल सका और मारा गया


Q). चोलों द्वारा किसके साथ घनिष्ठ राजनीतिक तथा वैवाहिक सम्बंध स्थापित किया गया था  ?

a) वेंगी के चालुक्य
b) बादामी के चालुक्य
c) कल्याणी के चालुक्य
d) इनमें सें कोई नही

Answer)

 वेंगी के चालुक्य 

पूर्वी चालुक्य या 'वेंगी के चालुक्य' दक्षिणी भारत का एक राजवंश था जिनकी राजधानी वर्तमान आंध्र प्रदेश में वेंगी (वर्तमान एलुरु के पास) थी। पूर्वी चालुक्यों ने 7वीं शताब्दी से आरम्भ करके 1130 ई तक लगभग 500 वर्षों तक शासन किया।


Q). हेलिबेडु एवं बेलर के मंदिर बनाए गए ?

a) चोलों द्वारा
b) होयसलों द्वारा
c) काकतियों द्वारा
d) पल्लवों द्वारा

Answer)

 होयसलों द्वारा 

होयसल वंश का प्रारम्भ सन 1111 ई. के आसपास मैसूर के प्रदेश में विट्टिग अथवा विट्टिदेव से हुआ। उसने अपना नाम विष्णुवर्धन रख लिया और सन 1141 ई. तक राज्य किया। उसने 'द्वारसमुद्र' (आधुनिक हलेविड) को अपनी राजधानी बनाया।

Q). चोल शासन काल मे निम्न में से कौन -सा धर्म सर्वाधिक प्रचिलित था ?

a) शैव
b) वैष्णव
c) शाक्त
d) जैन

Answer)

शैव 

शैव देव:कोटी आर्थत शिव कि उपसना करने वाला सम्प्रदाय शैव कहलाते है|यह एक ऐसी परम्परा है जिसमें भक्त शिव परम्परा से बन्धा हो। यह प्राचीन काल में दक्षिण भारत में बहुत लोकप्रिय हुई थी।

Q). राजेन्द्र चोल द्वारा किए गए बंगाल अभियान के समय बंगाल का शासक कौन था ?

a) महिपाल
b) नयपाल
c) देवपाल
d) महिपाल प्रथम

Answer)

 महिपाल प्रथम

महिपाल प्रथम 'विग्रहपाल' का पुत्र तथा उसका उत्तराधिकारी था।
इसका शासनकाल 978 से 1038 ई. तक माना जाता है।
महिपाल प्रथम का राज्य मगध तक काफ़ी बड़े क्षेत्रफल में विस्तृत था।
उसने पाल वंश की खोई हुई शक्ति को पुनर्जीवन देने के लिए कठिन प्रयत्न किया।
महिपाल प्रथम को चोल वंश के राजेन्द्र प्रथम एवं कलचुरी वंश के गांगेयदेव से युद्ध में परास्त होना पड़ा।
महिपाल प्रथम को पाल वंश का द्वितीय संस्थापक भी माना जाता है।
महिपाल ने बौद्ध भिक्षु अतिशा के नेतृत्व में तिब्बत में एक 'धर्म प्रचारक मण्डल' भेजा था।


Q). सर्वप्रथम किसने दक्षिण-पूर्व एशिया के विरूध नौसैनिक अभियान प्रारंभ किया था ?

a) राजेन्द्र -1
b) राजराज -2
c) पुलिकेशन -1
d) विजयालय

Answer)

राजेन्द्र -1

राजेन्द्र प्रथम (1012 ई. - 1044 ई.) चोल राजवंश का सबसे महान शासक था। उसने अपनी महान विजयों द्वारा चोल सम्राज्य का विस्तार कर उसे दक्षिण भारत का सर्व शक्तिशाली साम्राज्य बनाया। उसने 'गंगई कोंड' की उपाधि धारण की तथा गंगई कोंड चोलपुरम नामक नगर की स्थापना की। वहीं पर उसने चोल गंगम नामक एक विशाल सरोवर का भी निर्माण किया




Q). किस पाल-शासक ने विक्रमशिला विश्वविधालय की स्थापना की थी ?



a) धर्मपाल
b) देवपाल
c) रामपाल
d) गोपाल

Answer)

धर्मपाल

पाल साम्राज्य मध्यकालीन भारत का एक महत्वपूर्ण शासन था जो कि 750 - 1174 इसवी तक चला। पाल राजवंश ने भारत के पूर्वी भाग में एक साम्राज्य बनाया। इस राज्य में वास्तु कला को बहुत बढावा मिला। पाल राजा बौद्ध थे




Q). पल्लव वंश की राजधानी थी  ?



a) मद्रास
b) महाबलिपुरम्
c) कांचीपुरम्
d) धर्मावरम्

Answer)

 कांचीपुरम् 

पल्लव राजवंश प्राचीन दक्षिण भारत का एक राजवंश था। चौथी शताब्दी में इसने काञ्चीपुरम् में राज्य स्थापित किया और लगभग 600 वर्ष तमिल और तेलुगु क्षेत्र में राज्य किया। बोधिधर्म इसी राजवंश का था जिसने ध्यान योग को चीन में फैलाया। यह राजा अपने आप को क्षत्रिय मानते थे।


Q). निम्नलिखित में से किस राजकुल के राजा मातृनामों से लक्षित होते थे ?



a) शुंग
b) सातवाहन
c) महामेघवान
d) कण्व

Answer)

 सातवाहन 

सातवाहनप्राचीन भारतका एक राजवंश था। इसने ईसापूर्व 230 से लेकर तीसरी सदी (ईसा के बाद) तक केन्द्रीय दक्षिण भारतपर राज किया। यह मौर्य वंशके पतन के बाद शक्तिशाली हुआ था। इनका उल्लेख ८वीं सदी ईसापूर्व में मिलता है पर अशोककी मृत्यु (सन् 232 ईसापूर्व) के बाद सातवाहनों ने खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया था


Q). संगम साहित्य में वर्णित कन्नगी है ?



a) एकपक्षी प्रेम
b) अनुचित प्रेम
c) तमिल महाकाव्य की नायिका
d) व्यापारियों का समूह

Answer)

तमिल महाकाव्य की नायिका  

'तमिल साहित्य' का प्रथम महाकाव्य है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - ‘नूपुर की कहानी’। इस महाकाव्य की रचना चेर शासक 'सेन गुट्टुवन' के भाई 'इलांगो आदिगल' ने लगभग ईसा की दूसरी-तीसरी शताब्दी में की थी। इस महाकाव्य की सम्पूर्ण कथा नुपूर के चारों ओर घूमती है। इस महाकाव्य के नायक और नायिका 'कोवलन' और 'कण्णगी' हैं।


Q). तृतीय तमिल संगम हुआ था ?



a) मदुरै में
b) तंजौर में
c) महाबलिपुरम् में
d) कांजीवरम् में

Answer)

 मदुरै  में

तमिल अनुश्रुतियों के अनुसार तीन परिषदों (संगम) का आयोजन हुआ था, 'प्रथम संगम', 'द्वितीय संगम' और 'तृतीय संगम'। तीनों संगम कुल 9950 वर्ष तक चले। इस अवधि में लगभग 8598 कवियों ने अपनी रचनाओं से संगम साहित्य की उन्नति की।


Q). वेंगी का कौन-सा चालुक्य राजकुमार चोल सिंहासन पर आसीन हुआ  ?



a) गंगैकोंड चोल
b) कुलोत्तुंग 1
c) राजाधिराज
d) वीर राजेद्र 1

Answer)

 कुलोत्तुंग 1 

कुलोत्तुंग प्रथम (1070-1120 ई.) चोल राजवंश के सबसे पराक्रमी शासकों में से एक था। उसने चोल साम्राज्य में व्यवस्था स्थापित करने के कार्य में अदभुत पराक्रम प्रदर्शित किया था। इसके पूर्व शासक अधिराजेन्द्र के कोई भी सन्तान नहीं थी, इसलिए चोल राज्य के राजसिंहासन पर वेंगि का चालुक्य राजा कुलोत्तुंग प्रथम को बैठाया गया था। यह चोल राजकुमारी का पुत्र था



Q). बंगाल में पाल वंश का संस्थापक कौन था ?



a) दामोदर
b) गोपाल
c) धर्मपाल
d) देवपाल

Answer)

 गोपाल 

गोपाल द्वितीय 940 से 960 तक पाल राजवंश के शासक रहे। वह विग्रह पाल द्वितीय द्वारा सफल हो गया था।


Q). पल्लव वंश की राजधानी थी  ?



a) मद्रास
b) महाबलिपुरम्
c) कांचीपुरम्
d) धर्मावरम्

Answer)

 कांचीपुरम् 

पल्लव राजवंश प्राचीन दक्षिण भारत का एक राजवंश था। चौथी शताब्दी में इसने काञ्चीपुरम् में राज्य स्थापित किया और लगभग 600 वर्ष तमिल और तेलुगु क्षेत्र में राज्य किया। बोधिधर्म इसी राजवंश का था जिसने ध्यान योग को चीन में फैलाया। यह राजा अपने आप को क्षत्रिय मानते थे।



Q). कोणार्क मंदिर का निर्माण किस वंश के द्धारा करवाया गया था ?



a) होयसल
b) ककातीय
c) पुर्वी गंग
d) चालुक्य

Answer)

  पुर्वी गंग

कोणार्क उड़ीसा प्रदेश के पुरी जिले में पुरी के जगन्नाथ मन्दिर से 21 मील उत्तर-पूर्व समुद्रतट पर चंद्रभागा नदी के किनारे स्थित है। यहाँ का सूर्य मन्दिर बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर की कल्पना सूर्य के रथ के रूप में की गई है। रथ में बारह जोड़े विशाल पहिए लगे हैं और इसे सात शक्तिशाली घोड़े तेजी से खींच रहे हैं। जितनी सुंदर कल्पना है, रचना भी उतनी ही भव्य है।

 Q). चोल राजवंश के निम्नलिखित शासकों में से किसने सर्वप्रथम दक्षिण -पूर्व एशिया के विरूद्ध नौ-सैनिक अभियान चलाया  ?



a) राजाधिराज
b) राजराज -1
c) राजेन्द्र-1
d) वीर राजेन्द्र

Answer)

   राजेन्द्र-1

राजेन्द्र प्रथम (1012 ई. - 1044 ई.) चोल राजवंश का सबसे महान शासक था। उसने अपनी महान विजयों द्वारा चोल सम्राज्य का विस्तार कर उसे दक्षिण भारत का सर्व शक्तिशाली साम्राज्य बनाया। उसने 'गंगई कोंड' की उपाधि धारण की तथा गंगई कोंड चोलपुरम नामक नगर की स्थापना की। वहीं पर उसने चोल गंगम नामक एक विशाल सरोवर का भी निर्माण किया।


Q). चोल वंश की राजधानी थी ?



a) तंजौर
b) मदुरै
c) आंध्र प्रदेश
d) इनमें से कोई नही

Answer)

 तंजौर

चोल  प्राचीन भारत का एक राजवंश था। चोल शब्द की व्युत्पत्ति विभिन्न प्रकार से की जाती रही है। कर्नल जेरिनो ने चोल शब्द को संस्कृत "काल" एवं "कोल" से संबद्ध करते हुए इसे दक्षिण भारत के कृष्णवर्ण आर्य समुदाय का सूचक माना है। चोल शब्द को संस्कृत "चोर" तथा तमिल "चोलम्" से भी संबद्ध किया गया है


Q). इतिहास में चोल शासक किस प्रकार के शासन के लिए प्रसिद्ध हैं ?



a) केन्द्रीय
b) नगरीय
c) प्रान्तीय
d) ग्राम-प्रशासन

Answer)

ग्राम-प्रशासन

पल्लवों की राजधानी कांची, चालुक्यों की बादामी तथा पाण्ड्यों की राजधानी मदुरई थी, जो आधुनिक तंजौर में है और दक्षिण अर्थात केरल में, चेर शासक थे। कर्नाटक क्षेत्र में कदम्ब तथा गंगवंशों का शासन था


Q). चालुक्य वंश का सबसे प्रतापी शासक था  ?



a) विजयादित्य षष्ठ
b) विजययादित्य द्वितीय
c) विजयादित्य तृतीय
d) इनमें से कोई नही

Answer)

 विजयादित्य तृतीय

विजयादित्य द्वितीय के पौत्र विजयादित्य तृतीय (844-888ई.) ने उत्तरी अर्काट के पल्लवों को पराजित किया, तंजोर के कोलाओं को उनके देश के पंड्याओं पर पुनर्विजय में सहायता दी,


Q). चोल का संस्थापक था ?



a) विष्णुवर्द्धन तृतीय
b) भीम प्रथम
c) विजयालय
d) इनमें से कोई नही

Answer)

 विजयालय

चोल प्राचीन भारत का एक राजवंश था। चोल शब्द की व्युत्पत्ति विभिन्न प्रकार से की जाती रही है। कर्नल जेरिनो ने चोल शब्द को संस्कृत "काल" एवं "कोल" से संबद्ध करते हुए इसे दक्षिण भारत के कृष्णवर्ण आर्य समुदाय का सूचक माना है। चोल शब्द को संस्कृत "चोर" तथा तमिल "चोलम्" से भी संबद्ध किया गया है किंतु इनमें से कोई मत ठीक नहीं है। आरंभिक काल से ही चोल शब्द का प्रयोग इसी नाम के राजवंश द्वारा शासित प्रजा और भूभाग के लिए व्यवहृत होता रहा है। संगमयुगीन मणिमेक्लै में चोलों को सूर्यवंशी कहा है। चोलों के अनेक प्रचलित नामों में शेंबियन् भी है। शेंबियन् के आधार पर उन्हें शिबि से उद्भूत सिद्ध करते हैं। 12वीं सदी के अनेक स्थानीय राजवंश अपने को करिकाल से उद्भत कश्यप गोत्रीय बताते हैं।

Q). गंगईकोडचोलपुरम  राजधानी की स्थापना की ?



a) राजेन्द्र प्रथम ने
b) महान् राजराज ने
c) कुलत्तुगं ने
d) परांतक ने

Answer)

‌‌‌ राजेन्द्र प्रथम ने 

 गंगईकोडचोलपुरम  राजधानी की स्थापना की   राजेन्द्र प्रथम (1014-1044ई.) राजराज प्रथम का पुत्र एवं उत्तराधिकारी 1014 ई. में चोल राजवंश के सिंहासन पर बैठा। राजेन्द्र अपने पिता के समान ही साम्राज्यवादी प्रवृति का था। उसकी उपलब्धियों के बारे में सही जानकारी 'तिरुवालंगाडु' एवं 'करंदाइ अभिलेखों' से मिलती है। अपने विजय अभियान के प्रारम्भ में उसने पश्चिमी चालुक्यों, पाण्ड्यों एवं चेरों को पराजित किया।



Q). अरबी यात्री अम्ल मसूदी किसके शासन- काल मे भारत आया था ?



a) इन्द्र तृतीय
b) तैलप द्वितिय
c) ध्रुव
d) इनमें से कोई नही

Answer)

इन्द्र तृतीय

इन्द्र तृतीय ने पाल वंश के देवपाल प्रथम को परास्त करके कन्नौज पर अधिकार कर लिया। उसने अपने अल्प शासन काल में ही साम्राज्य को काफ़ी विस्तार प्रदान कर दिया था। उसके समय में ही अल मसूदी अरब से भारत आया था। अल मसूदी ने तत्कालीन राष्ट्रकूट शासकों को 'भारत का सर्वश्रेष्ठ शासक' कहा। इन्द्र तृतीय का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य था- गुर्जर प्रतिहार तथा राजा महीपाल को परास्त करना। कन्नौज के प्रतापी सम्राट मिहिरभोज की मृत्यु 890 ई. में हो चुकी थी


Q). चालुक्य वंश का संस्थापक था ?



a) तैलप द्वितीय
b) तैलप प्रथम
c) महेन्द्र वर्मन प्रथम
d) इनमें से काई नही

Answer)

  तैलप प्रथम

तैलप तृतीय (1151-1156 ई.) चालुक्य सम्राट जगदेकमल्ल द्वितीय की मृत्यु के बाद राजा बना था। सोमेश्वर तृतीय के बाद कल्याणी के चालुक्य वंश का क्षय शुरू हो गया। 1138 ई. में 'सोमेश्वर की मृत्यु' हो जाने पर उसका पुत्र जगदेकमल्ल द्वितीय राजा बना। जगदेकमल्ल द्वितीय के शासन काल में चालुक्य साम्राज्य की शक्ति में निर्बलता आनी प्रारम्भ हो गई।

Q). चालुक्य राजवंश की राजधानी थी ?



a) काँचीपुरम्
b) मदूरै
c) कल्याणपुर
d) इनमें से कोई नही

Answer)

 कल्याणपुर

चालुक्य प्राचीन भारत का एक प्रसिद्ध गुर्जर राजवंश था। इनकी राजधानी बादामि (वातापि) थी। अपने महत्तम विस्तार के समय (सातवीं सदी) यह वर्तमान समय के संपूर्ण कर्नाटक, पश्चिमी महाराष्ट्र, दक्षिणी मध्य प्रदेश, तटीय दक्षिणी गुजरात तथा पश्चिमी आंध्र प्रदेश में फैला हुआ था।




Q). चालुक्य वंश का सर्वाधिक प्रतापी शासक था ?



a) विक्रमादित्य षष्ट
b) सोमेशवर प्रथम
c) तैलम द्वितिय
d) इनमें से कोई नही

Answer)

 सोमेशवर प्रथम

सोमेश्वर प्रथम (आहवमल्ल) प्रसिद्ध |चालुक्यराज जयसिंह द्वितीय जगदेकमल्ल का पुत्र जो 1042 ई. में सिंहासन पर बैठा।
पिता का समृद्ध राज्य प्राप्त कर उसने दिग्विजय करने का निश्चय किया। चोल और परमार दोनों उसके शत्रु थे। पहले वह परमारों की ओर बढ़ा। राजा भोज धारा और मांडू छोड़ उज्जैन भागा और सोमेश्वर दोनों नगरों को लूटता उज्जैन जा चढ़ा। उज्जैन की भी वही गति हुई, यद्यपि भोज सेना तैयार कर फिर लौटा और उसने खोए हुए प्रांत लौटा लिए। कुछ दिनों बाद जब अह्निलवाड के भीम और कलचुरी लक्ष्मीकर्ण से संघर्ष के बीच भोज मर गया तब उसके उत्तराधिकारी जयसिंह ने सोमेश्वर से सहायता मांगी। सोमेश्वर ने उसे मालवा की गद्दी पर बैठा दिया और स्वयं चोलों से जा भिड़ा। 1052 ई. में कृष्णा और पंचगंगा के संगम पर कोप्पम के प्रसिद्ध युद्ध में चोलों को परास्त किया।


Q). वातापी के चालुक्य वंश का संस्थापक था ?



a) पुलकेशन प्रथम
b) विजयादित्य
c) जयसिंह
d) इनमें से कोई नही

Answer)

जयसिंह

सवाई जयसिंह या द्वितीय जयसिंह (०3 नवम्बर 1677 - 29 सितम्बर 1743) अठारहवीं सदी में भारत में राजस्थान प्रान्त के नगर/राज्य आमेर के सर्वाधिक प्रतापी शासक थे। आमेर से दक्षिण में छः मील दूर सन 1727में एक बेहद सुन्दर, सुव्यवस्थित, सुविधापूर्ण और शिल्पशास्त्र के सिद्धांतों के आधार पर आकल्पित नया शहर 'सवाई जयनगर', जयपुर बसाने वाले नगर-नियोजक के बतौर उनकी ख्याति भारतीय-इतिहास में अमर है।

Q). तंजौर चोलपुरम में बृहदेशवर मंदिर का निर्माण किसने करवाया था  ?



a) राजेन्द्र 1
b) वरी राजेन्द्र
c) राजराजा
d) अधिराज

Answer)

 राजराजा

बृहदेश्वर अथवा बृहदीश्वर मन्दिर तमिलनाडु के तंजौर में स्थित एक हिंदू मंदिर है जो 11वीं सदी के आरम्भ में बनाया गया था। इसे तमिल भाषा में बृहदीश्वर के नाम से जाना जाता है। इसका निर्माण 1003-1010 ई. के बीच चोल शासक राजाराज चोल १ ने करवाया था। उनके नाम पर इसे राजराजेश्वर मन्दिर का नाम भी दिया जाता है। यह अपने समय के विश्व के विशालतम संरचनाओं में गिना जाता था। इसके तेरह (13) मंजिले भवन (सभी हिंदू अधिस्थापनाओं में मंजिलो की संख्या विषम होती है।) की ऊंचाई लगभग 66 मीटर है। मंदिर भगवान शिव की आराधना को समर्पित है।

Q). निम्न में से किस शासक के पास एक शक्तिशाली नौसेना था ?



a) चोल
b) पांडय
c) चेर
d) पल्लव

Answer)

चोल

चोलो के अभिलेखों आदि से ज्ञात होता है कि उनका शासन सुसंगठित था। राज्य का सबसे बड़ा अधिकारी राजा मंत्रियों एवं राज्याधिकारियों की सलाह से शासन करता था। शासनसुविधा की दृष्टि से सारा राज्य अनेक मंडलों में विभक्त था। मंडल कोट्टम् या बलनाडुओं में बँटे होते थे। इनके बाद की शासकीय परंपरा में नाडु (जिला), कुर्रम् (ग्रामसमूह) एवं ग्रामम् थे। चोल राज्यकाल में इनका शासन जनसभाओं द्वारा होता था। चोल ग्रामसभाएँ "उर" या "सभा" कही जाती थीं। इनके सदस्य सभी ग्रामनिवासी होते थे। सभा की कार्यकारिणी परिषद् (आड

Q). हेृनसांग की  भारत में यात्रा के समय सूती  कपडों के उत्पादन के सबसे प्रसिद्ध नगर  था  ?



a) वाराणसी
b) मथुरा
c) पाटलिपुत्र
d) काँची

Answer)

 मथुरा

मथुरा उत्तरप्रदेश प्रान्त का एक जिला है। मथुरा एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। एक लंबे समय से मथुरा प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का केंद्र रहा है। भारतीय धर्म,दर्शन कला एवं साहित्य के निर्माण तथा विकास में मथुरा का महत्त्वपूर्ण योगदान सदा से रहा है। आज भी महाकवि सूरदास, संगीत के आचार्य स्वामी हरिदास,स्वामी दयानंद के गुरु स्वामी विरजानंद, कवि रसखान आदि महान आत्माओं से इस नगरी का नाम जुड़ा हुआ है| मथुरा को श्रीकृष्ण जन्म भूमि के नाम से भी जाना जाता है




Q).‌‌‌   चीनी यात्री हेृनसांग ने किस विश्वविधालय में अध्ययन  किया था ?



a) तक्षशिला
b) विक्रमशिला
c) मगध
d) नालंद

Answer)

 नालंद

चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने हर्षवर्धन के शासन काल में भारत की यात्र की थी। उसने अपनी यात्रा 29 वर्ष की अवस्था में 629 ई. में प्रारम्भ की थी। यात्रा के दौरान ताशकन्द, समरकन्द होता हुआ ह्वेन त्सांग 630 ई. में ‘चन्द्र की भूमि (भारत) के गांधार प्रदेश पहुँचा।




Q).  महाबलीपुरम के मन्दिर किन राजाओं ने बनवाए थे ?



a) चोल
b) पल्लव
c) पांड्य
d) इनमें से कोई नही

Answer)

 पल्लव

महाबलीपुरम के निकट एक पहाड़ी पर स्थित दीपस्तम्भ समुद्र यात्राओं की सुरक्षा के लिए बनवाया गया था। इसके निकट ही सप्तरथों के परम विशाल मन्दिर विदेश यात्राओं पर जाने वाले यात्रियों को मातृभूमि का अन्तिम सन्देश देते रहे होंगे।


Q). राज्यारोहण के बाद हर्षवर्द्धन ने कौन- सी उपाधी ग्रहण की   ?

a) महाराज
b) शिलादित्य
c) गुणराज
d) अवनिसिंह

Answer)

गुणराज 

हर्षवर्धन (590-647 ई.) प्राचीन भारत में एक राजा था जिसने उत्तरी भारत में अपना एक सुदृढ़ साम्राज्य स्थापित किया था। वह अंतिम हिंदू सम्राट् था जिसने पंजाब छोड़कर शेष समस्त उत्तरी भारत पर राज्य किया। शशांक की मृत्यु के उपरांत वह बंगाल को भी जीतने में समर्थ हुआ। हर्षवर्धन के शासनकाल का इतिहास मगध से प्राप्त दो ताम्रपत्रों, राजतरंगिणी, चीनी यात्री युवेन संग के विवरण और हर्ष एवं बाणभट्टरचित संस्कृत काव्य ग्रंथों में प्राप्त है


Q). हर्षवर्द्धन के दरबार मे पहुँचने वाला प्रसिद्ध चीनी यात्री कौन था ?



a) फाद्मान
b) इत्सिंग
c) हेृनसांग
d) इनमें से कोई नही

Answer)

 हेृनसांग

 ह्यूनत्साँग 602 इस्वी में अन्य चीनी पर्यटक ह्यूनसाँग समरकन्द, अफगानिस्तान के रास्ते से सम्राट हर्षवर्द्धन के दरबार में आया था


Q).  हर्षवर्द्धन की प्रसिद्ध रचना है ?



a) रत्नावली
b) पंचतंत्र
c) अर्थशास्त्र
d) इनमें से कोई नही

Answer)

 रत्नावली

रत्नावली एक विदुषी कन्या थी, जिनका जन्म सम्वत्- 1577 विक्रमी में जनपद- कासगंज के सोरों शूकरक्षेत्र अन्तर्वेदी भागीरथी गंगा के पश्चिमी तटस्थ बदरिया (बदरिका) नामक गाँव में हुआ था। विदुषी रत्नावली के पिता का नाम पं० दीनबंधु पाठक एवं माता दयावती थीं। विदुषी रत्नावली का पाणिग्रहण सम्वत्- 1589 विक्रमी में सोरों शूकरक्षेत्र निवासी पं० आत्माराम शुक्ल के पुत्र पं० तुलसीदास जी के साथ हुआ। सम्वत्- 1604 विक्रमी में जब रत्नावली मात्र 27 वर्ष की ही थी, तब तुलसीदास जी इनसे विरक्त होकर सोरों शूकरक्षेत्र त्यागकर चले गए। अंत में पूज्य पतिपरमेश्वर का स्मरण करती हुई सती साध्वी रत्नावली सम्वत्- 1651 विक्रमी में अपनी अलौकिक कान्ति चमकाती हुई सत्यलोक सिधार गई।


Q). हर्षवर्द्धन को किसने पराजित किया था ?



a) शशांक ने
b) कृष्ण प्रथम ने
c) पुल्केशिन द्वितीय ने
d) इनमें से कोई नही

Answer)

 पुल्केशिन द्वितीय ने

 हर्ष - पुल्केशिन द्वितीय - यह युद्ध लगभग 630 - 634 ई. में पुष्यभूति वंश के हर्षवर्धन तथा चालुक्य शासक पुलेकेशिन द्वितीय के बीच हुआ था जिसमें हर्षवर्धन पराजित हो गया था।


Q). हर्षवर्धन की प्रथम राजधानी थी 



a) कन्नौज
b) थानेश्वर
c) उज्जैन
d) इनमें से कोई नही

Answer)

उज्जैन

उज्जैन भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर है जो क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है। यह एक अत्यन्त प्राचीन शहर है। यह विक्रमादित्य के राज्य की राजधानी थी। इसे कालिदास की नगरी के नाम से भी जाना जाता है।


Q). हर्षवर्द्धन ने थानेश्वर के बाद अपनी  राजधानी कहाँ स्थापित की थी ?



a) कन्नौज
b) तक्षशिला
c) उज्जैन
d) इनमें से कोई नही

Answer)

कन्नौज

हर्षवर्द्धन का जन्म 590 ई. में हुआ और 16 वर्ष की उम्र में 606 ई. में राजगद्दी पर बैठा. प्रारम्भ में राजधानी थानेश्वर थी। बाद में कन्नौज बना दी गई हर्ष ने शशांक से बदला लिया और अपनी शक्ति का प्रसार उत्तरी भारत के अन्य राज्यों में किया.


Q).  हषवर्द्धन के दरबार का प्रसिद्ध कवि कौन था  ?



a) बाण्भट्ट
b) चाणक्य
c) कालिदास
d) इनमें से कोई नहीं

Answer)

 बाण्भट्ट

हषवर्द्धन के दरबार में बाण्भट्ट प्रसिद्ध कवि  था


Q).‌‌‌  गुप्त वंश के पतन के बाद उत्तर भारत में किस वंश का शासन प्रारंभ  हुआ था  ?



a) पल्लव वंश
b) राष्ट्रकूट वंश
c) पुष्यभूति वंश
d) इनमें से कोई नही

Answer)

 पुष्यभूति वंश

पुष्यभूति वंश की स्थापना गुप्त वंश के पतन के बाद हरियाणा के अम्बाला ज़िले के थानेश्वर नामक स्थान पर हुई थी। इस वंश का संस्थापक 'पुष्यभूति' को माना जाता है, जो कि शिव का उपासक और उनका परम भक्त था



Q). वर्द्धन पुष्यभूति वंश का संस्थापक  कौन  था  ?



a) प्रभाकरवर्द्धन
b) पुष्यभूति
c) शशांक
d) इनमें सें कोई नही

Answer)

 पुष्यभूति

पुष्यभूति वंश की स्थापना गुप्त वंश के पतन के बाद हरियाणा के अम्बाला ज़िले के थानेश्वर नामक स्थान पर हुई थी। इस वंश का संस्थापक 'पुष्यभूति' को माना जाता है, जो कि शिव का उपासक और उनका परम भक्त था। इस वंश में तीन राजा हुए- प्रभाकरवर्धन और उसके दो पुत्र राज्यवर्धन तथा हर्षवर्धन।



Q). हर्षवर्धन  के समकालीन  बाणभट्ट  ने निम्न लिखित में से कौन सी पुस्तक लिखी थी  ?



a) रत्नावली
b) मयूर शतक
c) कादम्बरी
d) पंचतंत्र

Answer)

 कादम्बरी

बाणभट्ट सातवीं शताब्दी के संस्कृत गद्य लेखक और कवि थे। वह राजा हर्षवर्धन के आस्थान कवि थे। उनके दो प्रमुख ग्रंथ हैं: हर्षचरितम् तथा कादम्बरी। हर्षचरितम् , राजा हर्षवर्धन का जीवन-चरित्र था और कादंबरी दुनिया का पहला उपन्यास था।



Q). उज्जैन  के शासक   विक्रमादित्य ने किनको पराजित करने की स्मृति  में  58 ई. पू़. विक्रम संवर्त् पारम्भ किया था ?



a) इंडो ग्रीक
b) शक
c) पार्थियन
d) कुषाण

Answer)

 शक 

विक्रमादित्य (ईसापूर्व 102 से 15 ईस्वी तक) उज्जैन के अनुश्रुत राजा थे, जो अपने ज्ञान, वीरता और उदारशीलता के लिए प्रसिद्ध थे। "विक्रमादित्य" की उपाधि भारतीय इतिहास में बाद के कई अन्य राजाओं ने प्राप्त की थी, जिनमें गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय और सम्राट हेमचन्द्र विक्रमादित्य (जो हेमु के नाम से प्रसिद्ध थे) उल्लेखनीय हैं । राजा विक्रमादित्य नाम, 'विक्रम' और 'आदित्य' के समास से बना है जिसका अर्थ 'पराक्रम का सूर्य' या 'सूर्य के समान पराक्रमी' है।उन्हें विक्रम या विक्रमार्क (विक्रम + अर्क) भी कहा जाता है


Q). प्रसिद्ध इलाहाबाद प्रशस्ति का लेखक कौन है ?



a) कालिदास
b) शूद्रक
c) हरिषेण
d) रविकीर्ति

Answer)

 हरिषेण

महादण्ड नायक ध्रुवभूति के पुत्र, संधिविग्रहिक महादण्डनायक हरिषेण समुद्रगुप्त के समय में 'सन्धिविग्रहिक कुमारामात्य' एवं 'महादण्डनायक' के पद पर कार्यरत था। हरिषण की शैली के विषय में जानकारी 'प्रयाग स्तम्भ' लेख से मिलती है। हरिषण द्वारा स्तम्भ लेख में प्रयुक्त छन्द कालिदास की शैली की याद दिलाते हैं। हरिषेण का पूरा लेख 'चंपू (गद्यपद्य-मिश्रित) शैली' का एक अनोखा उदाहरण है।


Q). निम्न में से कौन सा बंदगाह गुप्त काल में सर्वाधिक प्रसद्धि था ?



a) कांगोद
b) मुशरी
c) ताम्रलिप्ति
d) कल्याण

Answer)

 ताम्रलिप्ति

ताम्रलिप्त या ताम्रलिप्ति बंगाल की खाड़ी में स्थित एक प्राचीन नगर था। विद्वानों का मत है कि वर्तमान तामलुक ही प्राचीन ताम्रलिप्ति था। ऐसा माना जाता है कि मौर्य साम्राज्य के दक्षिण एशिया तथा दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए यह नगर व्यापारिक निकास बिन्दु था।
पश्चिमी बंगाल के मिदनापुर जिले का आधुनिक तामलुक अथवा तमलुक जो कलकत्ता से 33 मील दक्षिण पश्चिम में रूपनारायण नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित है



Q). निम्नलिखित में कौन गुप्तकालीन स्वर्ण -मुर्दा है



a) कौडी
b) दीनार
c) निष्क
d) पण

Answer)

दीनार

'दीनार' शब्द को अधिकतर भारतीय हिन्दी में मुस्लिम हमलावरों के साथ आया हुआ शब्द मानते हैं। 'दीनार' का मतलब होता है- 'एक स्वर्ण मुद्रा' या 'अशरफी'। मूलतः यह शब्द रोमन शब्द से जन्मा है और क़रीब तीन सदी ईसा पू्र्व स्वर्ण मुद्रा के तौर पर इसका रोमन गणतंत्र में प्रचलन शुरू हुआ।



Q). गुप्तकालीन रजत मुद्रा है   



a) कर्षापण
b) दीनार
c) रूपक
d) निष्क

Answer)



कर्षापण

चंद्रगुप्त द्वितीय रजत मुद्रा (चांदी के सिक्के) जारी करने वाला प्रथम गुप्त शासक था। कि गुप्तकालीन आचार्य सुश्रुत अपनी आयुर्विज्ञान विषयक रचना के लिए जाना जाता है।

Q). खजुराहो के मन्दिर बनावए थे ?



a) राष्ट्रकूट ने
b) पाण्ड्य ने
c) चन्देल ने
d) राजपूत ने

Answer)

 चन्देल ने

खजुराहो का इतिहास लगभग एक हजार साल पुराना है। यह शहर चन्देल साम्राज्‍य की प्रथम राजधानी था। चन्देल वंश और खजुराहो के संस्थापक चन्द्रवर्मन थे। चन्द्रवर्मन मध्यकाल में बुंदेलखंड में शासन करने वाले राजपूत राजा थे। वे अपने आप का चन्द्रवंशी मानते थे




Q). इतिहासकार स्मिथ ने समुद्रगुप्त की विजयों से प्रभावति होकर उसे क्या कहकर पुकारा है  ?



a) महान विजेता
b) एशियन नेपोलियन
c) सम्राट
d) महाराजाधिराज

Answer)

एशियन नेपोलियन

समुद्रगुप्त (राज 335-380) गुप्त राजवंश का राजा।
समुद्र्गुप्त भारत का महान शासक था जिसने अपने जीवन काल मे कभी भी पराजय का स्वाद नही चखा। अतः उसके बारे मे स्मिथ ने सही कहा है कि समुद्रगुप्त "भारत का नेपोलियन" था


Q). महारौली (दिल्ली ) स्थित लौहस्तंभ का निर्माण किस शताब्दी में हुआ ?



a) चतर्थ शताब्दी में
b) सप्तप शताब्दी में
c) तृतीय शताब्दी में
d) द्वितीय शताब्दी में

Answer)

चतर्थ शताब्दी में

लौह स्तंभ दिल्ली में क़ुतुब मीनार के निकट स्थित एक विशाल स्तम्भ है। यह अपनेआप में प्राचीन भारतीय धातुकर्म की पराकाष्ठा है। यह कथित रूप से राजा चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य (राज 375 - 413) से निर्माण कराया गया, किंतु कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इसके पहले निर्माण किया गया, संभवतः 912 ईपू में। स्तंभ की उँचाई लगभग सात मीटर है

Q). निम्नलिखित अभिलेखों में से किस एक में स्कंदगुप्त के राज्य काल में हूणों के आक्रमण का उल्लेख है  ?



a) मथुरा
b) भीतरी
c) जूनागढ
d) साँची

Answer)

  भीतरी  

त्तर-पश्चिम भारत में हूणों द्वारा तबाही और लूट के अनेक उल्लेख मिलते हैं। गुप्त काल में हूणों ने पंजाब तथा मालवा पर अधिकार कर लिया था। तक्षशिला को भी क्षति पहुँचायी। भारत में आक्रमण हूणों के नेता तोरमाण और उसके पुत्र मिहिरकुल के नेतृत्व में हुआ। मथुरा, उत्तर प्रदेश में हूणों ने मन्दिरों, बुद्ध और जैन स्तूपो को क्षति पहुँचायी और लूटमार की। मथुरा में हूणों के अनेक सिक्के भी प्राप्त हुए हैं


Q). हरिषेण निम्न में से किनके राजकवि थे ?



a) अशोक
b) समुद्रगुप्त
c) चन्द्रगुप्त
d) हर्षवर्धन

Answer)



 समुद्रगुप्त

महादण्ड नायक ध्रुवभूति के पुत्र, संधिविग्रहिक महादण्डनायक हरिषेण समुद्रगुप्त के समय में 'सन्धिविग्रहिक कुमारामात्य' एवं 'महादण्डनायक' के पद पर कार्यरत था। हरिषण की शैली के विषय में जानकारी 'प्रयाग स्तम्भ' लेख से मिलती है। हरिषण द्वारा स्तम्भ लेख में प्रयुक्त छन्द कालिदास की शैली की याद दिलाते हैं।


















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